हमारा देश भारतवर्ष पर निबंध
भारत हमारा देश है। यह हमारी जन्मभूमि है - यह हमारी मातृभूमि है। वर्तमान में 29 राज्यो वाला यह देश अत्यंत विशाल है। सचमुच यह देश प्रकृति के क्रीडा-भूमि है। उत्तर में गिरिराज हिमालय इसका अटल प्रहरी है। दक्षिण में हिंद महासागर इसके चरणों को पखार रहा है। सागर से हिमगिरी तथा अटक से कटक तक फैलाया विस्तृत भू-खंड ही हमारा मधुमेह देश है। कहीं दूर-दूर तक फैली समतल भूमि है तो कहीं ऊंचे पहाड़ों, नदियों, झरनों, झीलों और तड़ागों से सुजज्जित यह भूमि स्वर्ग से होड़ लेती है।
इस देश में कहीं ऊंचे-ऊंचे पेड़ों, जड़ी-बूटियों तथा अन्य वनस्पतियों से भरे जंगल हैं, तो कहीं विविध फल-फूलों से लदे बाग और वातिकाएं हैं। यहां एक और राजस्थान का रेगिस्तान है, तो दूसरी और गंगा-ब्रह्मपुत्र का लहलहाता मैदान भी है। इस विशाल देश में अनेक धर्म, जाती, भाषा-बोली, खान-पान, रहन-सहन, के लोग निवास करते है।
भारत कृषकों का देश है। यहां की जनसंख्या लगभग एक अरब से अधिक है। यहां की जनसंख्या का 70% खेती में लगा है। यहां की धरती सोना उगलती है। तरह-तरह के अन्न, फल-फूल, एवं साग-सब्जी इस कृषि प्रधान देश में उत्पन्न होते हैं। यहां की बड़ी-बड़ी खदानों में शायद ही कोई खनिज हो जो नहीं मिलता। कृषि एवं खनिजों पर आधारित विभिन्न उद्योग-धंधों के कारण हमारा देश लगातार उन्नति की ओर बढ़ रहा है।
ऋषि-मुनियों, ज्ञानियों, वीरों का यह देश सदा से विश्व का गुरु रहा है। हमारे देश की सभ्यता-संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। वाल्मीकि और व्यास की भूमि है, राम और कृष्ण की भूमि है, कालिदास और रविंद्र की भूमि है; बुद्ध, महावीर, चाणक्य, चंद्रगुप्त, अशोक और गांधी की भूमि है। हमारा देश सोने का, सपनों का और स्वर्ग का देश है। हमारा देश महान है।
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